रस किसे कहते हैं? इसके प्रकार और अंग/Ras kisi kahate hain Esake Prakar our Ang /Ras Kise Kahate Hain, Ras Ke Udaharan Avm Prakar/रस कितने प्रकार के होते हैं उनके स्थाई भाव
रस की परिभाषा एवं अंग –
जब किसी काव्य या पंक्ति को पढ़कर या सुनकर मन में या हृदय में एक अलौकिक और चमत्कारिक आनंद की अनुभूति होती है यही भाव को रस कहते हैं।
रस के चार अंग या अवयव होते हैं –
- संचारी भाव
- स्थाई भाव
- विभाव
- अनुभाव
संचारी भाव –
जब कोई भाव मनुष्य के हृदय में कुछ ही समय तक रहता है और फिर समाप्त हो जाता है तो उस भाव को संचारी भाव कहते हैं।
स्थाई भाव –
जब कोई काव्य हमारे हृदय में स्थाई रूप से विद्यमान हो तो उस भाव को स्थाई भाव कहते हैं इसे अन्य किसी भाव के द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता।
विभाव –
जिन कारणों की वजह से स्थाई भाव की उत्पत्ति होती है उन्हें कारणों को विभाव कहते हैं या मुख्यता दो प्रकार के होते हैं आलंबन और उद्दीपन
अनुभाव –
जब किसी प्रकार के स्थाई भाव के उदित होने पर जो बाहरी शारीरिक चेस्टों का अनुभव या लक्षण दिखाई देता है उसे अनुभव कहते हैं
अनुभव मुख्यता चार प्रकार के होते हैं
- मानसिक
- कायिक
- आहार्य
- सात्विक
रस के भेद मुख्यता 10 प्रकार के होते हैं एवं प्रत्येक रस का स्थाई भाव भी होता है –
Ras Kise Kahate Hain PDF
रस के प्रकार और स्थाई भाव
रस | स्थाई भाव |
श्रंगार | रति |
करुण | शोक |
भयानक | भय |
हास्य | हास |
रौद्र | क्रोध |
वीर रस | उत्साह |
शांत रस | निर्वेद |
वीभत्स रस | जुगुप्सा |
अद्भुत | विस्मय |
वात्सल्य | वत्सल |
रस के प्रकार की परिभाषा एवं उनके उदाहरण
श्रंगार रस
जब किसी स्त्री या पुरुष के सुंदर और प्रेम संबंधी अवस्थाओं का वर्णन श्रृंगार रस कहलाता है
इसका स्थाई भाव रति है
श्रंगार रस उदाहरण
करुण रस
जब किसी व्यक्ति विशेष या वस्तु के समाप्त होने या विनाश होने पर जो हमारे मन में शोक उत्पन्न होता है उसे करुण रस कहते हैं।
इसका स्थाई भाव शोक होता है।
करुण रस उदाहरण
हास्य रस
जब किसी वस्तु या दृश्य को देखकर या सुनकर हमें भय उत्पन्न होता है वहां भयानक रस होता है।
भयानक रस का स्थाई भाव भय होता है।
हास्य रस उदाहरण
हास्य रस
जब किसी व्यक्ति विशेष वस्तु या आभूषण के विचित्र या विकृति को देखकर हंसी उत्पन्न होती है उसे हास्य रस कहते हैं।
इसका स्थाई भाव हास होता है।
हास्य रस उदाहरण
रस किसे कहते हैं? इसके प्रकार और अंग
रौद्र रस
जब किसी का व्यक्ति या वस्तु को देखकर या उन्हें सुनकर मन में क्रोध उत्पन्न होता है वहां पर रौद्र रस होता है।
रौद्र रस का स्थाई भाव क्रोध होता है।
रौद्र रस उदाहरण
वीर रस
जब हम किसी का भी वस्तु या घटनाओं की वीर गाथा है सुनकर या पढ़कर जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसे वीर रस कहते हैं।
इसका स्थाई भाव उत्साह होता है।
वीर रस उदाहरण
शांत रस –
जब हमें किसी विशेष घटना को सुनकर यह पढ़कर हृदय में पश्चाताप के भाव उत्पन्न हो वहां पर शांत रस होता है।
इसका स्थाई भाव निर्वेद होता है।
वीर रस उदाहरण
वीभत्स रस –
जब हमें कोई ऐसी वस्तु या स्थान जिसे देखकर हमें घृणा उत्पन्न हो वहां वीभत्स रस होता है।
इसका स्थाई भाव जुगुप्सा होता है।
वीभत्स रस उदाहरण
अद्भुत रस
जब हमें किसी वस्तु या घटनाओं को देखकर सुनकर आश्चर्य का भाव उत्पन्न हो वहां अद्भुत रस होता है।
इसका स्थाई भाव विस्मय होता है।
अद्भुत रस उदाहरण
वात्सल्य रस
जब हम किसी काव्य को पढ़कर या सुनकर या बच्चों की क्रियाओं को देखकर यह सुनकर स्नेह का भाव उत्पन्न हो वहां पर वात्सल्य रस होता है।
वात्सल्य रस का स्थाई भाव वत्सल होता है।
वात्सल्य रस उदाहरण
हमने आपके लिए इस पोस्ट में रस एवं उनके प्रकार के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध कराई है आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।
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