यकृत अमाशय छोटी आंत एवं लार ग्रंथि महत्वपूर्ण नोट्स | यकृत Liver क्या है एवं इसके कार्य | अमाशय क्या है इसके कार्य | लार ग्रंथि salivary glands के प्रकार एवं कार्य | यकृत से पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न | अमाशय से पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न | लार Saliva ग्रंथि से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न |
यकृत (Liver)
- लिवर के अध्ययन को हीपेटोलॉजी के नाम से जाना जाता है
- लिवर में पुनः निर्माण करने की क्षमता होती है
- मनुष्य के शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि लीवर को कहा जाता है
- यकृत शरीर की सबसे बड़ी बहिस्त्राव कांति भी है
- लीवर में यूरिया का निर्माण होता है
- किडनी में यूरिन का निर्माण होता है
- यकृत में ग्लाइकोजन संग्रहित रहता है
- मनुष्य का स्टोररूम Liver को कहा जाता है
- लीवर से पित्त रस निकलता है
- यकृत से निकलने वाला पित्त रस छोटी आंत के ड्यूडीनम नाम भाग में पहुंचता है
अमाशय
अमाशय के मुख्य भाग
- फंडस
- कार्डिया
- पायलोरस
- अमाशय की आकृति J के आकार की होती है
- अमाशय में एचसीएल (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) पाया जाता है
- पेट या आमाशय में ऑक्सीजिनटिक ग्रंथि से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल निकलता है
- एचसीएल एक जलन सील पदार्थों होता है
- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अमाशय की सुरक्षा श्लेष्मा के द्वारा की जाती है
- अमाशय में श्लेष्मा की परत होती है जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से सुरक्षा प्रदान करती है
- एचसीएल का पीएच मान 1.5 से 1.8 होता है।
यकृत अमाशय छोटी आंत एवं लार ग्रंथि महत्वपूर्ण नोट्स pdf
छोटी आंत
- Small intestine (छोटी आंत) अमाशय के पायलोरस भाग से जुड़ी होती है
- छोटी आत की लंबाई 6 मीटर से 6.5 मीटर तक होती है
- अग्नाशय एवं यकृत से निकलने वाला रस छोटी आंत के ड्यूडीनम भाग में पहुंचता है
लार ग्रंथि
- लार ग्रंथि मुख्यतः तीन प्रकार की होती है-
- कर्ण मूल ग्रंथि
- सब लिंग्युअल ग्रंथि
- सब मैडिब्यूलर ग्रंथि
Note –
- सब मैडिब्यूलर ग्रंथि में सबसे ज्यादा लार बनती है
- लार का पीएच मान 6.8 होता है
- भोजन अग्नाशय तक क्रमाकुचन द्वारा पहुंचता है
- फूड पाइप की लंबाई 25 सेंटीमीटर होती है
- मुख में स्टार्च का पाचन होता है
- लार में पाए जाने वाला एंजाइम टाइलिन है।
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