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कंप्यूटर की पीढ़िया
Computer (कंप्यूटर) को उनकी पीढ़ियों के आधार पर अलग-अलग भागों में बांटा गया है प्रारंभ में आज की तरह कंप्यूटर नहीं हुआ करते थे। पहले यह काफी बड़े महंगे और भारी भी हुआ करते थे तथा इनके काम करने की गति भी बहुत कम थी लेकिन इसमें धीरे-धीरे परिवर्तन होते गया और उनकी कार्यक्षमता कार्यप्रणाली आकार में कई प्रकार के सुधार किए गए इन बदलाव ने ही कंप्यूटर को अलग-अलग पीढ़ियों में बांट दिया कंप्यूटर की पीढ़ियों को 1945 से अब तक 5 भागों में बांटा गया है-
कंप्यूटर की पीढ़ियां (Generation of Computer)-
- First Generation (प्रथम पीढ़ी)
- Second Generation (द्वितीय पीढ़ी)
- Third Generation (तृतीय पीढ़ी)
- Fourth Generation (चतुर्थ पीढ़ी)
- Fifth Generation (पंचम पीढ़ी)
Generation of Computer Notes PDF – PGDCA, DCA
1. First Generation on Computer (कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी)
कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी का प्रारंभ 1945 से हुआ था जिसमें सबसे पहले एनीएक (ANIAC) नामक एक कंप्यूटर को बनाया गया था जो कि बहुत अधिक बड़ा और महंगा भी था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी (Vacuum Tube Technology) का use किया जाता था तथा स्टोरेज के लिए चुंबकीय टेप Magnetic Drum का use किया जाता था इसकी स्पीड बहुत ही Slow होती थी और डाटा को पंच कार्ड की सहायता से दिया जाता था।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर बड़े महंगे और अधिक विद्युत की खपत करते थे इनका आकार इतना बड़ा होता था कि इसे सेटअप करने के लिए एक कमरे की बराबर की जगह की आवश्यकता होती थी तथा यह कंप्यूटर अत्यधिक हिट भी उत्पन्न करते थे। जिसे मेंटेन करना आसान नहीं था इस कारण से इस में अत्यधिक खराबी भी आती थी, साथ ही इस पीढ़ी के कंप्यूटर एक समय में एक ही कार्य कर सकते थे।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषता
- इसमें डाटा इंटर करने के लिए पंच कार्ड का use किया जाता था।
- इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में Vacuum Tube का उपयोग होता था।
- स्टोरेज के लिए चुंबकीय ड्रम का उपयोग होता था
- प्रोग्रामिंग के लिए मशीनी तथा असेंबली भाषा का उपयोग होता था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान या हानियां
- यह आकार में काफी बड़े और महंगे होते थे।
- उर्जा की बहुत अधिक खपत करते थे।
- इन कंप्यूटर की स्पीड भी बहुत ही कम होती थी।
- यहां अत्यधिक हिट भी उत्पन्न करते थे जिससे इसमें खराबी भी जल्दी आ जाती थी।
- यहां एक समय में एक ही समस्या को हल या कार्य को कर सकता था।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के नाम
- एनी एक (ENIAC)
- एडवैक (EDVAC)
- यूनीवैक (UNIVAC)
जनरेशन ऑफ कंप्यूटर in Hindi PDF Download
2. Second Generation of Computer (कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी)
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का प्रारंभ 1956 से हुआ था। 1956 से 1965 तक के कंप्यूटर को द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर की श्रेणी में रखा गया है इस श्रेणी के कंप्यूटर में Transistor ट्रांजिस्टर का use किया जाने लगा, जो की प्रथम पीढ़ी में उपयोग किए जाने वाले वेक्यूम ट्यूब Vacuum Tube की अपेक्षा छोटे थे तथा इसके स्पीड भी वेक्यूम ट्यूब से अधिक थी। लेकिन यह भी वेक्यूम ट्यूब की तरह ही अत्यधिक हिट जनरेट करते थे लेकिन इसकी कार्यक्षमता उससे अधिक थी साथ ही यह सस्ते और विश्वसनीय थे।
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषता
- द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर में पंच कार्ड के साथ-साथ चुंबकीय टेप और डिस्क का भी उपयोग किया जाने लगा।
- इसमें मैग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मैग्नेटिक कोर मेमोरी का उपयोग किया जाने लगा।
- प्रोग्रामिंग के लिए उच्च स्तरीय भाषा का उपयोग किया जाने लगा।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान या हानियां
- इसके मेंटेनेंस की अत्यधिक समस्या होती थी।
- इसका आकार भी बड़ा था लेकिन प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से कम था।
- इसकी स्पीड भी इतनी अधिक नहीं थी।
Generation of Computer 1st to 5th
3. Third Generation of Computer (तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर)
सन 1965 से 1975 तक के कंप्यूटर को तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की श्रेणी में रखा गया है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग ना करके इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग किया जाने लगा जिसे हम आईसी चिप (IC) के नाम से जानते हैं जिसने कंप्यूटर के आकार को और अधिक छोटा करने में मदद की।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग के लिए हाई लेवल की भाषा का उपयोग किया जाने लगा लेकिन मेमोरी के लिए चुंबक के डिस्का का उपयोग ही किया जाता था इस पीढ़ी से कीबोर्ड और मॉनिटर की शुरुआत हुई पहले इनके स्थान पर पंच कार्ड और प्रिंटआउट का उपयोग किया जाता था, कीबोर्ड और मॉनिटर ने कंप्यूटर का आकार बहुत ही छोटा और विद्युत की खपत भी बहुत ही कम कर दी थी जिस कारण से यह आम लोगों की पहुंच में था।
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं
- नवीनतम प्रोग्रामिंग भाषा विकसित हुई जिससे इसका उपयोग करना इजी हो गया।
- ट्रांजिस्टर के स्थान पर आईसी चिप का उपयोग होने लगा।
- इसका आकार बहुत ही छोटा था इस वजह से यह आम लोगों के लिए भी उपलब्ध हो पाया।
- डाटा को इनपुट और आउटपुट के लिए कीबोर्ड और मॉनिटर का उपयोग होने लगा।
- इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम का भी उपयोग होने लगा।
Fourth Generation of Computer in Hindi
4. Fourth Generation of Computer (चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर)
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर की श्रेणी में 1975 से 1998 तक निर्मित कंप्यूटर को रखा गया है जिसमें आईसी चिप को और अधिक विकसित करके माइक्रोप्रोसेसर बनाया गया जो कई सारे आईसी चिप का कार्य कर सकता था जिसने माइक्रो कंप्यूटर के निर्माण में बहुत अधिक योगदान दिया इस पीढ़ी का कंप्यूटर बहुत ही पावरफुल विश्वसनीय तथा छोटा भी था और साथ ही सस्ता भी था।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं
- इस पीढ़ी में प्रोग्रामिंग के लिए उच्च प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग किया जाने लगा।
- यह अधिक शक्तिशाली विश्वसनीय छोटे और सस्ते थे।
- इसकी स्टोरेज क्षमता भी बहुत अधिक थी।
- इसमें एकीकृत इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग किया जाने लगा।
5. Fifth Generation of Computer (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर)
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1998 से हुई थी। 1998 से अब तक जितने भी कंप्यूटर विकसित किए गए उन सभी को पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर किस श्रेणी में रखा गया है।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी समाहित किया गया है वर्तमान समय में कंप्यूटर इतने अधिक उन्नत किस्म के है कि इनका उपयोग लगभग सभी क्षेत्रों में होने लगा है इस पीढ़ी के कंप्यूटर इतने अत्यधिक विकसित हो चुकी है कि अब हमें एक छोटे से घड़ी के डायल में भी कंप्यूटर उपलब्ध हो जाता है और इनमें प्रोग्रामिंग के लिए उच्च स्तरीय भाषा जैसे कि जावा, C++ जैसी उच्च स्तरीय भाषा का उपयोग किया जाता है जोकि आसान और सरल है।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत पावरफुल छोटे और सत्य है।
- इस पीढ़ी में माइक्रो कंप्यूटर से नैनो कंप्यूटर का विकास हुआ।
- ULSIका उपयोग भी इसमें किया जाने लगा।
- इस कंप्यूटर मैं इंटरनेट का भी उपयोग किया जा सकता है।
- यह कंप्यूटर छोटे मल्टीटास्किंग और पॉलिटिकल भी है।
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कंप्यूटर की पीढ़ियों से पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न – अब तक कंप्यूटर की कितनी पीढ़ियां है?
उत्तर – 5 जनरेशन या 5 पीढ़ियां
प्रश्न – कंप्यूटर की माता किसे कहा जाता है?
उत्तर – एडा लेव लेस
प्रश्न भारत में कंप्यूटर के जनक कौन है?
उत्तर भारतीय सुपर कंप्यूटर के जनक विजय पांडुरंग भटकर है
प्रश्न – विश्व का सबसे पहला कंप्यूटर कौन सा था?
उत्तर – एनी एक (ENIAC)
प्रश्न – आईबीएम का पूरा नाम क्या है?
उत्तर – इंटरनेशनल बिजनेस मशीन
प्रश्न – पीसी क्या है?
उत्तर – पर्सनल कंप्यूटर
प्रश्न – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस पीढ़ी के कंप्यूटर में है?
उत्तर पांचवी पीढ़ी के
प्रश्न – कंप्यूटर आरटीसी का पूर्ण रूप है?
उत्तर रियल टाइम क्लॉक