भारत के जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र तथा यूनेस्को में शामिल जैव मंडल मंडल आरक्षित क्षेत्र (Bio sphere Reserve)
क्या होता है जैव रिजर्व क्षेत्र
जीवमंडल रिजर्व क्षेत्र एक तरह तरह से वन्य, पशु, पक्षी, पेड़ पौधे तथा विभिन्न प्रकार के जानवरों का संरक्षण एवं संवर्धन प्रदान करता है दूसरे शब्दों में जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र एक ऐसा आरक्षित क्षेत्र होता है जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र वजह विविधता को दीर्घकालीन संरक्षण प्रदान करना तथा उनका उचित प्रबंधन संवर्धन पुनः स्थापना प्रदान करना तथा जैव मंडल मंडल के क्षेत्र में शिक्षण परीक्षण को प्रसारित करना व लोगों को उनके प्रति जागरूक करना
यहां सर्वप्रथम 1976 में यूनेस्को द्वारा लाया गया| यूनेस्को द्वारा इसे तीन भागों में बांटा गया है प्रथम केंद्रीय जोन, द्वितीय बफर जोन व तृतीय संक्रमित क्षेत्र|
भारत में अभी वर्तमान तक 18 जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र स्थापित किए जा चुके हैं तथा 11 जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र को विश्व यूनेस्को की सूची में शामिल किया जा चुका है
भारत के 18 जीव मंडल आरक्षित क्षेत्र की सूची
- नीलगिरी :- कर्नाटक ,तमिलनाडु व केरल (भारत का प्रथम 1986 वर्ष)
- नोकरेक :- मेघालय
- नंदा देवी :- उत्तराखंड
- मानस :- असम
- सिमलीपाल :- उड़ीस
- सुंदरवन :- पश्चिम बंगाल
- कंचनजंगा :- सिक्किम
- अचानकमार :- मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़
- पचमढ़ी :- मध्य प्रदेश
- पन्ना :- मध्य प्रदेश
- कच्छ :- गुजरात
- शीत मरुस्थल :- हिमाचल प्रदेश
- ग्रेट निकोबार :- अंडमान निकोबार
- मन्नार की खाड़ी :- तमिल नाडु
- शेष आंचल :- आंध्र प्रदेश
- देहांग व दिबांग :- अरुणाचल प्रदेश
- कच्छ:- गुजरात
- अगस्त मलाई :- केरल
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विश्व यूनेस्को में शामिल 11 जीव मंडल आरक्षित क्षेत्र
- नीलगिरी
- नंदा देवी
- नोकरेक
- सुंदरवन
- अचानकमार(2005)
- मन्नार की खाड़ी
- ग्रेट निकोबार
- सिमलीपाल
- अगस्त मलाई
- पचमढ़ी (1999)
- पन्ना (2011)
भारत के जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र तथा यूनेस्को में शामिल जैव मंडल मंडल आरक्षित क्षेत्र (Bio sphere Reserve)