हींग की खेती – भारत में हुई हींग की खेती की शुरुआत :-
हाल ही में चर्चा में रही” हींग की खेती “के बारे में हम जानेंगे
भारत में हींग की खेती की शुरुआत होने जा रही है
यहां खेती भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश राज्य में होंगी
हाल ही में वैज्ञानिक द्वारा एक शोध के अनुसार भारत में भी अब हींग की खेती की जा सकती है
जिसके चलते केंद्र सरकार के वैज्ञानिकों तथा हिमाचल प्रदेश राज्य सरकारों के बीच एक समझौता पर हस्ताक्षर हुए हैं
जिसके चलते यहां हींग की खेती हिमाचल प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों के गांव क्षेत्रों में की जाएंगी
क्या होती है ‘हींग’?
हींग एक प्रकार का सदाबहार पौधा है जो ठंडे क्षेत्रों में पाया जाता है या अनुकूलित होता है
यह इन क्षेत्र में पाया जाती है
जहां जिन क्षेत्रों का तापमान अधिकतम 30 डिग्री से 40 डिग्री के बीच तथा न्यूनतम 4 से 5 डिग्री तक होता है
तथा मिट्टी शुष्क प्रकार की होती है
यह अधिक तापमान सफर अत्यधिक न्यूनतम तापमान में यह पौधा निष्क्रिय हो जाता है
अर्थात नष्ट हो जाता है इसलिए स्क्रीन की सेटिंग को कैसे सूत्र में उगाया जाता है
जिसका तापमान सामान्य हो
हींग के उपयोग
हींग के उपयोग बहुत ही चीजों में किया जाता है
इसका उपयोग दवाइयों, रसोई खाना पकवान, मिठाइयों, रासायनिक पदार्थों तथा विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयों में भी किया जाता है
हींग की खेती – भारत में हुई हींग की खेती की शुरुआत
किन देशों में होती है हींग की खेती?
एक तरह से देखा जाए तो हम की खेती विश्व के कुछ ही देशों में की जाती है
जहां खेती एशिया के देश ईरान , उज़्बेकिस्तान ,अफगानिस्तान जैसे देशों में हींग की खेती की जाती है
और यहीं से हींग विश्व के विभिन्न देशों में निर्यात की जाती है
लेकिन अब भारत में भी हींग की खेती की शुरुआत की जा रही है
क्या भारत में होती है हींग की खेती?
नहीं ,भारत में पहले इनकी खेती नहीं होती है
भारत इनके लिए अन्य देशों पर निर्भर है
जो इस हींग का निर्यात करते हैं
एक आकर से पता चलता है
कि भारत प्रतिवर्ष 500 से 600 करोड़ की हींग का आयात दूसरे देशों से करता है
भारत में हींग का उपयोग केबल खाद्य पदार्थ एवं रसोइयों में ही किया जाता है
लेकिन अन्य देश का उपयोग भिन्न प्रकार की दवाइयों में भी करते हैं
लेकिन अब भारत में भी इनकी खेती की शुरुआत होने जा रही है
अगले विगत वर्षों में हींग की पैदावार भारत में भी देखने को मिलेंगी
जिसे भारत आत्मनिर्भर हो जाएंगे
और आत्मनिर्भर योजना को प्रोत्साहन मिलेगा