दहेज प्रथा पर निबंध | दहेज की समस्या और समाधान | Dowry system essay in Hindi | दहेज प्रथा पर निबंध 200 शब्दों में | भारत में दहेज प्रथा के कारण एवं परिणाम की व्याख्या | Dahej Pratha par nibandh 300 word mein | Bharat main Dahej Pratha per nibandh | दहेज समस्या और समाधान | दहेज प्रथा एक सामाजिक कुरीति पर निबंध |
दहेज प्रथा पर निबंध की रूपरेखा
- प्रस्तावना
- दहेज का अर्थ
- दहेज प्रथा एक अभिशाप
- समाज के लिए अभिशाप
- दहेज प्रथा का कारण
- प्रथा के निराकरण के उपाय
- दहेज प्रथा के दुष्परिणाम
- उपसंहार
प्रस्तावना :-
दहेज प्रथा का प्रचलन भारत में सबसे अधिक है यहां पर शादी विवाह में दिए जाने वाले उपहार आभूषण फर्नीचर तथा कैश या फिर जमीन संपत्ति आदि यह सभी दहेज के अंतर्गत आते हैं जिस का प्रचलन भारत में प्राचीन काल से चला आ रहा है पहले लोग इसे अपनी खुशी से दिया करते थे लेकिन अब लोग लालच या अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लड़की के परिवार वालों से दहेज की मांग करते हैं इस प्रथा का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है जिसे रोकने के लिए सरकार द्वारा भी कई योजनाएं कानून बनाकर इसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि दहेज प्रथा को समाप्त किया जा सके।
दहेज का अर्थ :-
इस दहेज के अर्थ से आशय है कि जब किसी शादी विवाह में दिए जाने वाला सामान जैसे गिफ्ट धन-संपत्ति आभूषण या अन्य चीजें जो शादी विवाह में लड़की के परिवार या लड़के के परिवार द्वारा एक दूसरे को दी जाती है वह सभी दहेज के अंतर्गत आते हैं।
दहेज प्रथा पर निबंध pdf
दहेज प्रथा एक अभिशाप :-
यहां प्रथा समाज के लिए एक अभिशाप से कम नहीं है दहेज प्रथा के कारण कई माता पिता अपनी पुत्री का विवाह नहीं करा पाते क्योंकि वह गरीब होने की वजह से पुत्र पक्ष को दहेज नहीं दे पाते इसके कारण कई माता-पिता एवं पुत्री गंभीर कदम उठा लेते हैं आज हमें जो हमारे आसपास या हमारे देश में अनेकों ऐसी घटनाओं को सुनने और देखने को मिलता है इन सभी का कारण दहेज प्रथा ही है जो गरीब एवं निर्धन माता-पिता या परिवारों के लिए एक अभिशाप से कम नहीं है।
दहेज प्रथा के कारण :-
दहेज प्रथा के अनेकों कारण हैं यह काफी पुरानी परंपरा है जिसमें लोग अपनी इच्छा के अनुरूप दहेज दिया करते थे तथा इसमें किसी भी पक्ष की मांग या दहेज के लिए लालच नहीं होता था लोग पहले मदद के लिए या व्यवसाय शुरू करने के लिए याजीवन यापन के लिए अपनी इच्छा से दहेज दिया करते थे लेकिन वर्तमान समय में दहेज को लोग अपने लालच या अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लेते हैं।
शिक्षा का अभाव की वजह से भी दहेज प्रथा को बढ़ावा मिलता है और कुछ लोग दहेज दिखावे के लिए और अपनी प्रतिष्ठा को बताने के लिए भी दहेज लेते हो देते हैं एवं सरकार द्वारा बनाए गए कानून में भी गर्मी की वजह से दहेज प्रथा की समस्या कम नहीं हो रही है वर्तमान समय में दहेज का लेनदेन लोग दिखावे और अपनी प्रतिष्ठा के लिए करते हैं और इसका विकास इसी वजह से हुआ कि लोग दहेज के लेनदेन को एक प्रतिस्पर्धा के रूप में देखते हैं जिस वजह से इसका तेजी से प्रचलन बढ़ते जा रहा है।
Dowry system essay in Hindi
इसके अलावा जाति प्रथा के वजह से भी दहेज प्रथा को बढ़ावा मिलता है गरीब एवं निर्धन माता-पिता या परिवार को अपनी पुत्री का विवाह अपनी जाति में ही करना होता है जिसके लिए उसे पुत्र पक्ष को दहेज देना होता है। इस तरह दहेज प्रथा के अनेकों कारण है जिस वजह से इसका प्रचलन धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है सरकार एवं विभिन्न संस्थानों के अन्य को प्रयास के बाद भी यह प्रथा समाप्त नहीं हो पा रही है।
दहेज प्रथा के निराकरण के उपाय :-
इस प्रथा को समाप्त करने के लिए अनेकों प्रकार से उपाय किए जा सकते हैं सबसे पहले तो हमें दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करने तथा इससे होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बताना चाहिए। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा दहेज देना एवं लेना दोनों एक कानूनी अपराध है इसके द्वारा दहेज लेने और देने वाले को कठोर सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है जो दहेज प्रथा को काफी हद तक कम करता है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार करके दहेज प्रथा जाति धर्म संस्कृति आदि के नाम पर जो भेदभाव समाज में फैला हुआ है इसे समाप्त किया जा सकता है तथा लोगों को अच्छी शिक्षा शिक्षा प्राप्त होंगी तो दहेज प्रथा के साथ-साथ अन्य कुप्रथा भी समाप्त हो जाएगी।
दहेज प्रथा पर निबंध 200 शब्दों में
लोगों को अपनी पुत्री या लड़की के विवाह में दहेज के लिए धन इकट्ठा ना करके उसे उसकी शिक्षा के लिए तथा स्वयं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्च करना चाहिए ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके और जरूरत पड़ने पर अपने अधिकार के लिए लड़ सके तभी इस प्रथा को समाप्त किया जा सकता है। तथा हमें जाति धर्म संस्कृति आदि में भेदभाव किए बिना विवाह किया जाना चाहिए तभी इस समस्या से हम बाहर निकल सकते हैं।
इस प्रकार लोगों को जागरूक करके सरकार द्वारा विभिन्न कानून बनाकर योजना चलाकर दहेज प्रथा को समाप्त किया जा सकता है।
दहेज प्रथा के दुष्परिणाम :-
इस प्रथा से अनेकों प्रकार के नुकसान होते हैं जो पूरे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है इसकी वजह से लड़की के माता-पिता पर उसके विवाह का अत्यधिक भोज होता है तथा गरीब माता-पिता तो इस बोझ के कारण कई बार आत्महत्या भी कर लेते हैं दहेज ना देने के कारण लड़के पक्ष के द्वारा लड़कियों का शोषण किया जाता है उन्हें मारा-पीटा और अपमानित किया जाता है।
दहेज प्रथा एक सामाजिक कुरीति पर निबंध
इसके कारण महिलाओं को अपने ससुराल में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसी वजह से आज हमारे देश में लड़कियों के जन्म से लोग दुखी होते हैं तथा कुछ लोग स्क्रीम भूर्ण हत्या भी कर देते हैं तथा कई ऐसी घटनाएं भी आज हमको सुनने को मिलती है कि अगर लड़की जन्म लेती है तो उसे लावारिस छोड़ दिया जाता है या फेक दिया जाता है एवं इसकी वजह से लड़कियां मानसिक रूप से पीड़ित हो जाती है और इस वजह से वे गलत कदम भी उठा लेती है और अपनी जान दे देती है।
इस तरह से दहेज प्रथा से अनेकों प्रकार के दुष्परिणाम समाज एवं मनुष्य के जीवन में एवं लड़की के माता-पिता के जीवन में आते हैं जिसकी वजह से उन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उपसंहार :-
दहेज प्रथा आज हमारे देश के लिए सबसे बड़ी समस्या है तथा यह लड़की के माता-पिता जो गरीब है उनके लिए सबसे बड़ी पीड़ा का कारण है इस वजह से निर्धन परिवार अपने जीवन स्तर में सुधार नहीं कर पाता तथा अपना जीवन खुशी से नहीं जी पाता इसलिए इस समस्या को हमें गंभीरता से लेना चाहिए और इसे रोकथाम के लिए जो भी महत्वपूर्ण उपाय हो सके उसे करना चाहिए सरकार को इसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून अपनाना चाहिए तथा लोगों को शिक्षित करके जागरूक करके इस प्रथा को समाप्त किया जा सकता है|
अतः दहेज प्रथा पूरे समाज के लिए और गरीब माता-पिता परिवार के लिए सबसे बड़े अभिशाप के समान है।